मन दर्पण को निर्मल कर दो
मन दर्पण को निर्मल कर दो,
मेरे सांई, मेरे सांई
जीवन में अमृत रस भर दो,
मेरे सांई, मेरे सांई
मन दर्पण को निर्मल कर दो,
मेरे सांई, मेरे सांई
जीवन में अमृत रस भर दो,
मेरे सांई, मेरे सांई
मन दर्पण को निर्मल कर दो ।
माया ने अपनी डोरी से,
बाँध रखा है बाँध रखा है
माया ने अपनी डोरी से,
बाँध रखा है बाँध रखा है
मोह जाल से मुझे छुडाना,
मोह जाल से मुझे छुडाना
मेरे सांई, मेरे सांई
मन दर्पण को निर्मल कर दो ।
आँख मूँद कर जाग सकूँ और
देखूं तुझ को, देखूं तुझ को
आँख मूँद कर जाग सकूँ और
देखूं तुझ को, देखूं तुझ को
सच्ची भक्ति दे दो मुझको,
सच्ची भक्ति दे दो मुझकोम
मेरे सांई, मेरे सांई
मन दर्पण को निर्मल कर दो ।
मन दर्पण को निर्मल कर दो
मेरे सांई, मेरे सांई
जीवन में अमृत रस भर दो
मेरे सांई, मेरे सांई
जीवन में अमृत रस भर दो
मेरे सांई, मेरे सांई
मेरे सांई…
मेरे सांई…
मेरे सांई…
मेरे सांई…