Jan 222014
 

काकड आरती (Morning Aarti) 1.भूपाळी जोडूनियां कर चरणीं ठेविला माथा । परिसावी विनंती माझी सदुरुनाथा ।। 1 ।। असो नसो भाव आलों तूझिया ठाया । कृपादृष्टीं पाहें मजकडे सदुरुया ।। 2 ।। अखंडित असावें ऐसें वाटतें पायी । सांडूनी संकोच ठाव थोडासा देईं ।। 3 ।। तुका म्हणे देवा माझी वेडीवांकुडी । नामें भवपाश हातीं

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Jan 102014
 

तेरी चौखट पे आना मेरा काम था   तेरी चौखट पे आना मेरा काम था, उम्र भर वो तो मुझ से किया न गया | तेरी रहमत को क्यूँ कर मैं इल्ज़ाम दूँ, तुझ को बख़्शीश का मौका दिया न गया | मैंने सोचा था दर पे तेरे आऊंगा, फिर वहाँ से मैं उठ कर

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Jan 102014
 

लाखों महिफिल जहां में यूँ तो   लाखों महिफिल जहां में यूँ तो, तेरी महफ़िल सी मेहिफिल नहीं है। स्वर्ग सम्राट हो या हो चाकर, तेरे दर पे है दर्जा बराबर। तेरी हस्ती को हो जिसने जाना, कोई आलम में आखिर नहीं है॥ दरबदर खा के ठोकर जो थक कर, आ गया गर कोई तेरे

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