Jun 022012
 

कैलाश के निवासी नमू बार बार हु , नमू बार बार हु
आयो शरण तिहारी प्रभु तार तार तू , तार तार तू
कैलाश के निवासी नमू बार बार हु , नमू बार बार हु
आयो शरण तिहारी प्रभु तार तार तू

भक्तो को कभी शिव तुने निराश ना किया,
माँगा जिन्हें जो जहाँ वरदान दे दिया,
बड़ा हैं तेरा दायजा , बड़ा दातार तू, बड़ा दातार तू
आयो शरण तिहारी प्रभु तार तार तू
कैलाश के निवासी नमू बार बार हु , नमू बार बार हु
आयो शरण तिहारी प्रभु तार तार तू

बखान क्या करू में राखो के ढेर का,
चपटी बभूत में हैं खजाना कुबेर का,
हैं गंग धार, मुक्ति द्वार, ओम्कार तू , प्रभु ओम्कार तू
आयो शरण तिहारी प्रभु तार तार तू
कैलाश के निवासी नमू बार बार हु, नमू बार बार हु
आयो शरण तिहारी प्रभु तार तार तू …..

क्या क्या नहीं दिया हे हम क्या प्रमाण दे
बसे गए त्रिलोक शम्भू तेरे दान से
ज़हर पिया , जीवन दिया, कितना उदार तू , कितना उदार तू
आयो शरण तिहारी प्रभु तार तार तू
कैलाश के निवासी, नमू बार बार हु, नमू बार बार हु
आयो शरण तिहारी प्रभु तार तार तू ….

तेरी कृपा बिना न हींले एक भी अनु
लेते हैं स्वास तेरी दया से कनु कनु
कहे ‘दाद’ एक बार मुझको निहार तू, मुझको निहार तू
आयो शरण तिहारी प्रभु तार तार तू
कैलाश के निवासी, नमू बार बार हु, नमू बार बार हु
आयो शरण तिहारी प्रभु तार तार तू ….

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  5 Responses to “Kailash Ke Nivasi Namu Baar Baar Hu”

  1. Shlok nahi likha sir ji, ek milipatram ek pushpam ek lota jal ki dar.

  2. Mai Is Kailash kr nivasi Bhajan ke Writer ka bhanjau,
    or is Lyrics main Galati hai
    “Kahe Daas ki jagah” pe
    “Kahe Daad” aata hai.

    To plz Jald hi sudhar kare.

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