Nov 222014
 
Shri Hanuman Chalisa with Meaning

श्री हनुमान चालीसा अर्थ सहित !! श्री गुरु चरण सरोज रज,निज मन मुकुरु सुधारि। बरनऊँ रघुवर बिमल जसु,जो दायकु फल चारि। 《अर्थ》→ शरीर गुरु महाराज के चरण कमलों की धूलि से अपने मन रुपी दर्पणको पवित्र करके श्री रघुवीर के निर्मल यश का वर्णन करता हूँ,जो चारों फल धर्म,अर्थ,काम और मोक्ष को देने वाला हे।★ बुद्धिहीन तनु जानिके,सुमिरो पवन-कुमार। बल

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Mar 222012
 

श्रीं गायत्री चालीसा ! ह्रीं श्रीं क्लीं मेधा प्रभा जीवन ज्योति प्रचण्ड ॥ शान्ति कान्ति जागृत प्रगति रचना शक्ति अखण्ड ॥ जगत जननी मङ्गल करनि गायत्री सुखधाम । प्रणवों सावित्री स्वधा स्वाहा पूरन काम ॥ भूर्भुवः स्वः ॐ युत जननी । गायत्री नित कलिमल दहनी ॥ अक्षर चौविस परम पुनीता । इनमें बसें शास्त्र श्रुति गीता ॥

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