Oct 082010
 

॥श्री महिषासुरमर्दिनी स्तोत्रम् ॥ अयि गिरिनन्दिनि नन्दितमेदिनि विश्वविनोदिनि नन्दनुते ॥ गिरिवरविंध्यषिरोधिनिवासिनि विष्णुविलासिनि जिष्णुनुते । भगवति हे शितिकण्ठकुटुम्बिनि भूरिकुटुम्बिनि भूरिकृते जयजय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते॥ १॥ सुरवरवर्षिणि दुर्धरधर्षिणि धुर्मुखमर्षिणि हर्षरते त्रिभुवनपोषिणि शंकरतोषिणि किल्बिषमोषिणि घोषरते । दनुजनिरोषिणि दितिसुतरोषिणिदुर्मदशोषिणि सिन्धुसुते जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते ॥ २॥ अयि जगदम्ब मदम्ब कदम्बवन प्रियवासिनि हासरते शिखरिशिरोमणि तुंगहिमालय शृंग निजालय

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Oct 072010
 

Durga is the mother of all and all-powerful in her nature. She is also know as Ambika, Rudrani, Amba, Bhavani, Katyani, Uma, Jagaddhatri etc…… Durga combines the characteristics of Maheshwari and Mahakali to a certain context, – there is not much connection with Mahalakshmi. Druga is the mother’s power of protection. The lion with Durga

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Oct 032010
 

Devi Stuti Yaa devi sarvabhooteshu Vishnu-maayeti shabditaa | Namah tasyai, namah tasyai, namah tasyai namo namah || Yaa devi sarvabhooteshu buddhi-roopena samsthitaa | Namah tasyai, namah tasyai, namah tasyai namo namah || Yaa devi sarvabhooteshu kshamaa-roopena samsthitaa | Namah tasyai, namah tasyai, namah tasyai namo namah || Yaa devi sarvabhooteshu shakti-roopena samsthitaa | Namah tasyai,

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Sep 232009
 

जय दुर्गे दुर्गति परिहारिणी जय दुर्गे दुर्गति परिहारिणी | शंभु विदारिणी माता भवानी|| आदि शक्ति परब्रह्म स्वरूपिणि जग जननी चहूँ वेद बखानी ब्रह्मा शिव हरि अर्चन कीन्हो ध्यान धरत सुर नर मुनि ग्यानि ||१|| अष्ट भुजा कर खड्ग बिराजे सिंह सवार सकल वरदानी ब्रह्मानंद चरण मे आये भव भय नाश करो महारानी||२||

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